|| कृष्ण भजन:कान्हा ||Shree Krishna Janmashtami Special || Janmashtami 2021 ||
Description
Janmashtami Ka Mahatva
माना जाता है कि इस दिन सच्चे मन से व्रत करने पर भक्तों की मनोकामना पूरी होती हैं। जिन लोगों का चंद्रमा कमजोर होता है अगर वो लोग इस दिन पूजा करते हैं तो उन्हें अच्छे फल की प्राप्ति होती है। साथ ही इस व्रत को करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति और संतान प्राप्ति के साथ-साथ दीर्घायु भी होती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जनमाष्टमी के दिन बाल गोपाल को झूला झुलाने का भी बहुत ज्यादा महत्व है। लोग मंदिरों के साथ-साथ अपने घरों में भी बाल गोपाल को झूला-झूलाते हैं। कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति कृष्ण जी को झूला झुलाता है तो उसकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। भगवान श्री कृष्ण विष्णु के आठवे अवतार थे कृष्णजन्माष्टमी उनका जनमोत्सव है। योगेश्वर कृष्ण के जन्माष्टमी को भारत में हीं नहीं बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी पूरी आस्था व उल्लास से मनाते हैं। अत्याचारी कंस का विनाश करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने अपना अवतार भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्यरात्रि में मथुरा में जन्म लिए। भगवान श्री कृष्ण स्वयं इस दिन पृथ्वी पर अवतरित हुए थे। अत: इस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। इस पावन पर्व के मौके पर भगवान की मोहक छवि देखने के लिए दूर दूर से श्रद्धालु इस दिन पर मथुरा पहुंचते हैं। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर मथुरा कृष्णमय हो जाता है। मंदिरों को खास तौर पर सजाया जाता है। ज्न्माष्टमी के दिन स्त्री-पुरुष बारह बजे तक अपना व्रत रखते हैं। इस शुभ दिन पर मंदिरों में झांकियां सजाई जाती है और भगवान कृष्ण को झूला झुलाया जाता है। और साथ ही रासलीला का भी आयोजन किया जाता है.


















